दिल के मरीजों के लिए कौन-से शाकाहारी और मांसाहारी डाइट चार्ट को आजमाना है जरूरी ?

दिल जिसको हमारे शरीर का सबसे जरूरी अंग माना जाता है, क्युकी दिल 24 घंटे काम पर लगा रहता है लेकिन प्रदूषण और खराब लाइफस्टाइल के कारण दिल संबंधी बीमारियां तेजी से बढ़ती जा रही है। वहीं कम उम्र में ही लोग हार्ट अटैक और दिल से जुड़ी अन्य गंभीर समस्याओं के कारण जान गंवा रहे है। इसके अलावा हार्ट पेशेंट को दिल को स्वस्थ रखने के लिए अपनी डाइट और लाइफस्टाइल में कुछ बदलाव करने चाहिए, जिसके बाद वह स्वस्थ रह सकते है। इसलिए हम आज के लेख में बात करेंगे की आप किस तरह की डाइट को आजमा कर इस समस्या से खुद का बचाव कर सकते है ;

दिल के मरीजों के लिए शाकाहारी डाइट चार्ट प्लेन क्या होना चाहिए ?

  • शाकाहारी खाना खाने वाले दिल के मरीजों को अपनी डाइट का खास ख्याल रखना चाहिए। 
  • वहीं जितने भी हार्ट पेशेंट्स है उनको अपनी डाइट में पुराने चावल, गेहूं, ओट्स और जौ को शामिल करना चाहिए। वहीं दालों में, मूंग, अरहर दाल, सोयाबीन, मटर, मसूर दाल का सेवन उन्हे जरूर करना चाहिए। 
  • इसके अलावा सब्जियों में तोरई, परवल, करेला, कद्दू, टिण्डा, आलू, टमाटर, लौकी, ब्रोकली, पालक, हल्दी, मेथी, लहसुन, गाजर, बींस, शिमला मिर्च, पत्ता गोभी और नींबू को जरूर शामिल करना चाहिए। 
  • तो बात करें फलों की तो इसमें उन्हें अंगूर, अनार, सेब, चेरी, स्ट्रॉबरी, नारंगी, केला, काला अंगूर, अमरुद, नाशपाती आदि को शामिल करना चाहिए।

उपरोक्त खाने की चीजे शाकाहारी हार्ट मरीजों के लिए बेहतरीन डाइट चार्ट में से एक माना जाता है।

व्यक्ति दिल का मरीज किन कारणों से होता है ?

  • व्यक्ति दिल का मरीज तब होता है, जब उसके द्वारा अपने दिल का अच्छे से ध्यान नहीं रखा जाता है। वहीं प्रदूषित वातावरण के कारण भी उसका दिल कमजोर हो जाता है। 
  • इसके अलावा किसी बीमारी की वजह से भी व्यक्ति दिल का पेशेंट बन सकता है, जिसके बारे में लोग जानते है, जैसे हाइपरटेंशन, कोरोनरी आर्टरी डिजीज, वाल्वुलर हार्ट डिजीज, डायबिटीज, एनीमिया आदि।  
  • इन सब उपरोक्त स्थितियों में हार्ट फेल्योर का खतरा काफी बढ़ जाता है।  
  • दूसरी स्थिति में हार्ट कमजोर होने के दौरान हार्ट के मसल्स कमजोर होने लगते है, व्यक्ति जल्दी थक जाता है, व्यक्ति का वजन जल्दी बढ़ने लगता है, जो काम पहले आराम से कर सकते थे, अब उसे करने में दिक्कत होना, नियमित गतिविधियों के दौरान सांस फूलना जैसे लक्षण हार्ट कमजोर होने के शुरुआती लक्षण है, इस तरह की स्थितियों में डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी हो जाता है।

अगर आप दिल के मरीज बनने से खुद का बचाव करना चाहते है, तो इसके लिए आपको लुधियाना में आहार क्लिनिक का चयन करना चाहिए।

दिल के मरीज को किस तरह के मांसाहारी खाने का सेवन करना चाहिए ? 

  • उच्च कोलेस्ट्रॉल के स्तर से दिल का दौरा पड़ सकता है। इसलिए ज्यादा कोलेस्ट्रॉल वाले खाने से आपको बचना चाहिए। 
  • आप बिना चर्बी वाले मांस का सेवन करके या मांस से वसा को निकाल कर वसा का सेवन कम कर सकते है, क्युकि बिना चर्बी वाले मांस में 10% से कम वसा की मात्रा होती है। इसके अतिरिक्त, यदि आप मांस को ग्रिल, झुलसने या रोस्ट करने की योजना बना रहे है, तो आप कम मक्खन या तेल डालकर शुरूआत कर सकते है। 
  • यदि आप दिल के लिए स्वास्थ्य आहार लेना चाहते है, तो कम वसा वाले से प्रतिस्थापन एक बढ़िया विकल्प माना जाता है।
  • दिल के दौरे से बचाव के लिए आप चिकन का भी सेवन कर सकते है, क्युकी इसमें वजन को नियंत्रित करने वाले विशेष गुण पाए जाते है।

दिल के मरीजों को अपने लाइफ स्टाइल में किस तरह से बदलाव करना चाहिए ?

  • हार्ट पेशेंट को फिट रहने के लिए अपने बिजी शेड्यूल से कम से कम 30 मिनट एक्सरसाइज के लिए जरूर निकालना चाहिए। आप डॉक्टर की सलाह के अनुसार एक्सरसाइज करें।
  • दिल के मरीजों को तनाव व चिंता नहीं करनी चाहिए। इनसे दूर रहने के लिए आप मेडिटेशन और योगा का सहारा लें सकते है। ऐसा करने से आपका मन शांत होगा। और आप तनाव से भी दूर रहेंगे। 
  • अगर आप एल्कोहल लेते है या धूम्रपान करते है तो बंद कर दें। क्युकि इनका सीधा प्रभाव दिल की धमनियों पर पड़ता है। जिसके कारण आपकी दिल की धमनियां कमजोर हो जाती है और व्यक्ति कमजोर हार्ट जैसी समस्या का सामना कर सकता है।

दिल के दौरे से बचाव के लिए आपको कौन-से खाने की चीजों का सेवन करना चाहिए इसके बारे में जानने के लिए आपको लुधियाना में सर्वश्रेष्ठ आहार विशेषज्ञ का चयन करना चाहिए।

हार्ट कमजोर होने पर आप इसकी पहचान कैसे कर सकते है ?

  • कोरोनरी धमनियों में रुकावट के कारण लोगों को रात के समय सांस लेने में तकलीफ हो सकती है या चलने में कठिनाई हो सकती है। 
  • जब दिल कमजोर होता है, तो यह खून को उतना पंप नहीं कर पाता जितना शरीर को चाहिए होता है, जिससे चक्कर आते है। 
  • कुछ मामलों में दिल की धड़कन की गति में अनियमितताएं आने लगती है, अचानक हार्टबीट बढ़ जाती है जिसे आमतौर पर लोग सामान्य मान लेते है। 
  • अक्सर, कॉन्जेस्टिव हार्ट फेल्योर की वजह से टिशू में अतिरिक्त तरल पदार्थ जमा हो जाते है, जो पेडल एडिमा का कारण बन सकता है। पेडल एडिमा एक ऐसी स्थिति जिसके परिणामस्वरूप टखने और पैर में सूजन हो जाती है।
  • कमजोर हार्ट के कारण किडनी का फंक्शन कमजोर होने लगता है, जिसके कारण यूरिन कम बनता है और अंततः बीमारी गंभीर होने पर डायलेसिस कराने की नौबत आ सकती है।

सुझाव :

अगर आप दिल के दौरे या दिल से संबंधित समस्याओं से निजात पाना चाहते है, तो इसके लिए आपको अपनी डाइट का खास ध्यान रखना चाहिए और आपको डाइट में उपरोक्त्त चीजों के अलावा और किन चीजों को शामिल करना चाहिए इसके बारे में जानने के लिए आपको रुहिन न्यूट्रिशन कंसल्टेंसी से सम्पर्क करना चाहिए।

निष्कर्ष :

  • दिल से जुडी किसी भी तरह की समस्या से अगर आप खुद का बचाव करना चाहते है, तो इसके लिए आपको अपने खाने की चीजों का खास ध्यान रखना चाहिए और वातावरण में दूषित प्रदार्थो से दुरी बनाकर रखना चाहिए।
  • इसके अलावा किसी भी तरह के उपाय या डाइट को अपनाने से पहले एक बार अपने डाइट विशेषज्ञ से जरूर सलाह लें। वहीं दिल संबंधित गंभीर समस्या होने पर आपको डॉक्टर के संपर्क में आना चाहिए।

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